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बुधवार, 12 जून 2013

मंत्र कविता (Mantr Kavita by Nagarjun)


ओं शब्द ही ब्रह्म है 
ओं शब्द और शब्द और शब्द और शब्द 
ओं प्रणव, ओं नाद,ओं मुद्राएँ 
ओं वक्तव्य, ओं उद्गार, ओं घोषणाएँ 
ओं भाषण ...
ओं प्रवचन ...
ओं हुंकार, ओं फटकार, ओं शीत्कार 
ओं फुसफुस, ओं फुत्कार, ओं वित्कार 
ओं आस्फालन, ओं इंगित, ओं इशारे 
ओं नारे और नारे और नारे और नारे 

ओं सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ 
ओं कुछ नहीं, कुछ नहीं, कुछ नहीं 
ओं पत्थर पर की दूब, खरगोश के सींग  
ओं नमक - तेल - हल्दी - जीरा - हींग 
ओं मूस की लेड़ी, कनेर के पात 
ओं डायन की चीख, औघड़ की अटपट बात 
ओं कोयला - इस्पात - पेट्रोल 
ओं हमीं हम ठोस, बाकी सब फूटे ढोल 

ओं इदमन्नं, इमा आप:, इदमाज्यं, इदं हवि:
ओं यजमान, ओं पुरोहित, ओं राजा, ओं  कवि:
ओं क्रांति: क्रांति: क्रांति: सर्वग्वं क्रांति: 
ओं शांति: शांति: शांति: सर्वग्वं शांति: 
ओं भ्रांति: भ्रांति: भ्रांति: सर्वग्वं भ्रांति: 
ओं बचाओ बचाओ बचाओ बचाओ 
ओं हटाओ हटाओ हटाओ हटाओ 
ओं घेराओ घेराओ घेराओ घेराओ 
ओं निभाओ निभाओ निभाओ निभाओ 

ओं दलों में एक दल अपना दल, ओं 
ओं अंगीकरण, ओं शुद्धीकरण, ओं राष्ट्रीयकरण 
ओं मुष्टीकरण, ओं तुष्टीकरण, ओं पुष्टीकरण 
ओं एतराज, ओं आक्षेप, अनुशासन 
ओं गद्दी पर आजन्म वज्रासन 
ओं ट्रिब्युनल, ओं आश्वासन 
ओं गुटनिरपेक्ष सतासापेक्ष जोड़-तोड़ 
ओं छल-छद्म, ओं मिथ्या, ओं होड़महोड़ 
ओं बकवास, ओं उद्घाटन
ओं मारण - मोहन - उच्चाटन 

ओं काली काली काली महाकाली महाकाली 
ओं मार मार मार, वार न जाए खाली 
ओं अपनी खुशहाली 
ओं दुश्मनों की पामाली 
ओं मार, मार, मार, मार, मार, मार, मार 
ओं अपोजिशन के मुंड बनें तेरे गले का हार 
ओं ऐं हीँ क्लीं हूँ आङ्
ओं हम चबाएँगे तिलक और गाँधी की टाँग 
ओं तुलसीदल, बिल्वपत्र, चंदन, रूली, अक्षत, गंगाजल 
ओं शेर के दाँत, भालू के नाखून, मर्कट का फोता 
ओं हमेशा हमेशा हमेशा करेगा राज मेरा पोता 
ओं छू: छू: फू: फू: फट् फिट् फुट् शत्रुओं 
ओं शत्रुओं की छाती पर लोहा कुट् 

ओं भैरो, भैरो, भैरो, ओं बजरंगबली 
ओं बंदूक का टोटा, पिस्तौल की नली 
ओं डालर, ओं साउंड, ओं साउंड 

ओम् ओम् ओम्
ओम् धरती, धरती, धरती, व्योम् व्योम् व्योम्
ओं अष्ट धातुओं के ईंटों के भट्ठे 
ओं महामहिम, महामहो, उल्लू के पट्ठे 
ओं दुर्गा, दुर्गा, दुर्गा, तारा, तारा, तारा
ओं इसी पेट के अंदर समा जाए सर्वहारा 
हरि: ओं तत्सत् हरि: ओं तत्सत् !




कवि - नागार्जुन 
किताब - नागार्जुन रचनावली, खंड 2
संपादन-संयोजन - शोभाकांत 
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2003





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