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बुधवार, 12 मार्च 2014

टोकनी (Tokanee by Ashok Vajpeyi)


यकायक पता चला कि टोकनी नहीं है l 
पहले होती थी 
जिसमें कई दुख और हरी-भरी सब्ज़ियाँ रखा करते थे,
अब नहीं है -
दुख रखने की जगहें धीरे-धीरे कम हो रही हैं l 
                                      - 28 जुलाई, 2010



कवि - अशोक वाजपेयी 
संकलन - कहीं कोई दरवाज़ा   
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2013

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