मनमाफ़िक मेरी पसंदीदा कविताओं, कहानियों और अन्य रचनाओं का संकलन है.
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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017
गर्दन एक कुएँ जैसी (Gardan ek kuyein jaisi by Prakriti Kargeti)
गर्दन एक कुएँ जैसी है कोई न कोई रिश्ते की रस्सी से खाली बाल्टी बाँध फेंक देता है गहरा फाँस पड़ती है साँस रुकती है, पर कुआँ बाल्टी भरने नहीं देता अपना ही पानी निगल जाता है. कवयित्री - प्रकृति करगेती संकलन - शहर और शिकायतें प्रकाशन - राधाकृष्ण, दिल्ली, 2017
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