Translate

बुधवार, 15 अगस्त 2018

हम एक जन बन सकेंगे (By Mahmoud Darwish)



हम एक जन हो सकेंगे, अगर हम चाहें, जब हम सीख लेंगे कि 
हम फ़रिश्ते नहीं, और शैतानियत सिर्फ़ दूसरों का विशेषाधिकार नहीं

हम एक जन हो सकेंगे, जब हम हर उस वक़्त पवित्र राष्ट्र को शुक्राना देना बंद करेंगे जब भी एक ग़रीब शख़्स को रात की एक रोटी मिल जाए

हम एक जन बन सकेंगे जब जब हम सुल्तान के चौकीदार और सुल्तान को बिना मुक़दमे के ही पहचान लेंगे

हम एक जन बन सकेंगे जब एक शायर एक रक्कासा की नाभि का वर्णन कर सकेगा,

हम एक जन बन सकेंगे जब हम भूल जाएँगे कि हमारे क़बीले ने क्या कहा है हमें, और जब वाहिद शख़्स छोटे ब्योरे की अहमियत भी पहचान सकेगा

हम एक जन बन सकेंगे जब एक लेखक सितारों की ओर सर उठा कर देख सकेगा, बिना यह कहे कि हमारा देश अधिक महान है और अधिक सुंदर

हम एक जन बन सकेंगे जब नैतिकता के पहरेदार सड़क पर एक तवायफ़ को हिफ़ाज़त दे पाएँगे पीटने वालों से

हम एक जन बन पाएँगे जब फ़िलीस्तीनी अपने झंडे को सिर्फ़ फ़ुटबाल के मैदान में, ऊँट दौड़ में और नकबा के रोज़ याद करे

हम एक जन बन सकेंगे अगर हम चाहें, जब गायक को एक दो माखन के लोगों की शादी के वलीमा पर सूरत अल रहमान पढ़ने की इजाज़त हो

हम एक जन बन सकेंगे जब हमें तमीज हो सही और ग़लत की


फ़िलीस्तीनी कवि - महमूद दरवेश
संकलन - A River Dies Of Thirst

अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद - अपूर्वानंद

2 टिप्‍पणियां: