कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
जेकरा आगे जोंको फीका
अइसन ई कसइया
दूहल जाता खूनो जेकर
अइसन हमनी गइया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
अंडा-बच्चा साथे हमरा
दिन-दिन भर खटइया
तेहू पर ना पेट भरे
चूस लेता चँइया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
एकरा बाटे गद्दा-गद्दी
हमनी का चटइया
एकरा बाटे कोठा-कोठी
हमनी का मड़इया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
जाड़ा में बा ऊनी एकरा
खाए के मलइया
हमनीं का त रातो भर
खेलाइलें जड़इया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
इहे बाबू-भइया
जेकरा आगे जोंको फीका
अइसन ई कसइया
दूहल जाता खूनो जेकर
अइसन हमनी गइया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
अंडा-बच्चा साथे हमरा
दिन-दिन भर खटइया
तेहू पर ना पेट भरे
चूस लेता चँइया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
एकरा बाटे गद्दा-गद्दी
हमनी का चटइया
एकरा बाटे कोठा-कोठी
हमनी का मड़इया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
जाड़ा में बा ऊनी एकरा
खाए के मलइया
हमनीं का त रातो भर
खेलाइलें जड़इया -
कमइया हमार चाट जाता
इहे बाबू-भइया
भोजपुरी कवि - महेन्द्र शास्त्री
संकलन - हिन्दी की जनपदीय कविता
संपादक - विद्यानिवास मिश्र
प्रकाशक - लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, 2002
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