जिस दिन मेरी कविताएँ मिट्टी से बनी थीं
मैं अनाज का दोस्त था।
जब मेरी कविताएँ शहद हो गईं
मक्खियाँ बस गईं
मेरे होठों पर।
फ़िलिस्तीनी कवि : महमूद दरवेश
अरबी से अंग्रेज़ी: अब्दुल्लाह अल-उज़री
हिंदी अनुवाद : अशोक वाजपेयी
संकलन : 'कविता का काम आँसू पोंछना नहीं' में मूल मॉडर्न पोइट्री ऑफ़ द अरब वर्ल्ड, पेंगुइन बुक्स, 1986 से
प्रकाशन - जिल्द बुक्स, 2023
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