Translate

मंगलवार, 7 अक्तूबर 2014

आओ (Aao by Makhdoom Mohiuddin)

उसी अदा से उसी बाँकपन के साथ आओ। 
फिर एक बार उसी अन्जुमन के साथ आओ। 
हम अपने एक दिल -ए बेख़ता के साथ आएँ। 
तुम अपने महशरे दारो रसन के साथ आओ। 


महशरे  - प्रलय 


शायर - मख़्दूम मोहिउद्दीन 
संकलन - सरमाया : मख़्दूम मोहिउद्दीन 
संपादक - स्वाधीन, नुसरत मोहिउद्दीन 
प्रकाशक - वाणी प्रकाशन, दिल्ली, प्रथम संस्करण - 2004 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें