यह मेरा नसीब था बेथलहम में होना
- पूरब में ख़ासकर
उन सड़कों पर चलना जिन्हें मैं नहीं जानती
और दीवारों से पूछना
बिलबोर्ड की
कहानी के बारे में,
मैं तस्वीर को देखती हूँ
जो राज़फाश करती है
और छिपे हुए घरों के प्रेतों को उघाड़ देती है
मैं बेचैन रही
दो दिनों तक…और ज़्यादा नहीं
बच्चों ने मुझे हर तरफ़ खींचा
यह नाम …यह क्वार्टर
आवाज़ और नग़मा
और आधे ध्वस्त मकान
छेददार छतें और जलावन
मेरी देह की स्याही को जगा देते हैं …
फ़िलिस्तीनी कवयित्री : दारीन तातूर
अरबी से अंग्रेज़ी: जोनाथन राइट
हिंदी अनुवाद : अपूर्वानंद
संकलन : कविता का काम आँसू पोंछना नहींप्रकाशन : जिल्द बुक्स, दिल्ली, 2023
स्रोत : https://www.newarab.com/opinion/palestinian-woman-detained-israel-over-poem
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें