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रविवार, 7 सितंबर 2025

पीड़ित नं. 48 ((Mahmoud Darwish translated into Hindi)


वह मरा पड़ा था एक पत्थर पर।

उन्हें उसके सीने में मिला चाँद और एक गुलाबी लालटेन।

उन्हें उसकी जेब में मिले सिक्के।

एक माचिस की डिबिया और एक ट्रैवल परमिट।

उसकी बाँहों पर गुदने थे।

 

उसका भाई बड़ा हुआ

और शहर गया काम खोजने।

उसे जेल में डाल दिया गया

क्योंकि उसके पास ट्रैवल परमिट नहीं था।

वह सड़क पर एक डस्टबिन

और बक्से ले जा रहा था।

 

मेरे देश के बच्चो,

इस तरह चाँद की मौत हुई।



फ़िलिस्तीनी कवि : महमूद दरवेश 

अरबी से अंग्रेज़ी:  अब्दुल्लाह अल-उज़री 

हिंदी अनुवाद :  अशोक वाजपेयी

स्रोत : मॉडर्न पोइट्री ऑफ़ द अरब वर्ल्ड, पेंगुइन बुक्स, 1986 

संकलन : कविता का काम आँसू पोंछना नहीं
प्रकाशन : जिल्द बुक्स, दिल्ली, 2023




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