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शुक्रवार, 26 अगस्त 2022

धुरी पर (Dhuree par by Gyanendrapati)

धर्म की धुरी पर 

घूम रही है पृथ्वी 

मर्म की धुरी पर 

जीवन की परिक्रमा कर रहा है कवि। 


कवि - ज्ञानेन्द्रपति 

संग्रह - कविता भविता 

प्रकाशन - सेतु प्रकाशन, दिल्ली, 2020 

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