मनमाफ़िक मेरी पसंदीदा कविताओं, कहानियों और अन्य रचनाओं का संकलन है.
औंधे पड़े आकाश ने
सीधे मुँह लेटे आदमी से कहा :
'कितने अकेले हो तुम'
एक फुसफुसाहट हुई
तुम भी तो !
फिर दोनों हँसने लगे
कवि - सुधांशु फ़िरदौस
संग्रह - अधूरे स्वाँगों के दरमियान
प्रकाशन - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2020
Ek dam shi likha ya kaha h....itne log hote hue bhi akele...😶
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