किसी ने दोस्त से अपने कहा, "कुछ चेंज कम पड़ गई है ;
क्या है ?"
दुखी मैं भी खड़ा था, कहा, "है, पर आप क्यों मुझसे
भला लेंगे ?"
न आप मेरा दुख जानें
न मैं दुख आपका जानूँ। "
कवि - रघुवीर सहाय
किताब - रघुवीर सहाय रचनावली
संपादक - सुरेश शर्मा
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, पहला संस्करण - 2000
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