मनमाफ़िक मेरी पसंदीदा कविताओं, कहानियों और अन्य रचनाओं का संकलन है.
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शनिवार, 7 दिसंबर 2013
प्यार (Pyar by Parveen Shakir)
अब्रे-बहार ने फूल का चेहरा अपने बनफ़शी हाथ में लेकर ऐसे चूमा फूल के सारे दुख ख़ुशबू बन कर बह निकले हैं शायरा - परवीन शाकिर संकलन - थोड़े से बच्चे और बाकी बच्चे संपादक - डॉ. विनोदानन्द झा प्रकाशक - किलकारी, बिहार बाल भवन, पटना, 2012
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