जाओ उन्हीं आलिंगनों में
जो तुम्हारे थे
उड़ेल दिया था जिनमें तुमने
सारा प्रेम अपना
जाओ अब तक वहीं पड़ा है वह चुंबन
जिसे छोड़ गयी थी लाल आँखों वाली चिड़िया
उठा लाओ वह सफ़ेद पंख
जिसे गिरा गयी थी वह किसी और के लिए
कवयित्री - सविता सिंह
संकलन - स्वप्न समय
प्रकाशक - राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली, 2013
जो तुम्हारे थे
उड़ेल दिया था जिनमें तुमने
सारा प्रेम अपना
जाओ अब तक वहीं पड़ा है वह चुंबन
जिसे छोड़ गयी थी लाल आँखों वाली चिड़िया
उठा लाओ वह सफ़ेद पंख
जिसे गिरा गयी थी वह किसी और के लिए
कवयित्री - सविता सिंह
संकलन - स्वप्न समय
प्रकाशक - राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली, 2013
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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