बीस बरस बाद
छाता लगाये हुए
पडरौना बाज़ार में मुझे दिख गये बंगाली बाबू
बीस बरस बाद चिल्लाया
बंगाली बाबू ! बंगाली बाबू !
कैसे हैं बंगाली बाबू !
वे मुड़े
मुझे देखा
मुस्कुराये
और 'ठीक हूँ' कहते हुए बढ़ गये आगे
मैं समझ न सका
बीस बरस बाद छाता लगाये हुए
कितने सुखी
या दुखी हैं बंगाली बाबू
देखा बस इतना
कि मेरी आँखों के आगे
चला जा रहा है एक छाता
सोचता हुआ
मुस्कुराता हुआ
ढाढ़स बँधाता हुआ
बोलता-बतियाता हुआ छाता !
छाता लगाये हुए
पडरौना बाज़ार में मुझे दिख गये बंगाली बाबू
बीस बरस बाद चिल्लाया
बंगाली बाबू ! बंगाली बाबू !
कैसे हैं बंगाली बाबू !
वे मुड़े
मुझे देखा
मुस्कुराये
और 'ठीक हूँ' कहते हुए बढ़ गये आगे
मैं समझ न सका
बीस बरस बाद छाता लगाये हुए
कितने सुखी
या दुखी हैं बंगाली बाबू
देखा बस इतना
कि मेरी आँखों के आगे
चला जा रहा है एक छाता
सोचता हुआ
मुस्कुराता हुआ
ढाढ़स बँधाता हुआ
बोलता-बतियाता हुआ छाता !
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