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शुक्रवार, 23 मई 2014

पुलकित-कुलकित (Pulkit-kulkit by Nagarjun)

पुलकित-कुलकित 
उलसित, हुलसित 
कुहकित, कुंचित 
पंत सुमित्रानंदन 
नरम नरम-सी तुनक तरल-सी 
समयोचित पद्यावलियों से 
गाते हैं गुणगाथा 
हिला-डुलाकर, कुंचित कंपित माथा !



कवि - नागार्जुन 
किताब - नागार्जुन रचनावली, खंड 1 
संपादन-संयोजन - शोभाकांत 
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2003

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