पुलकित-कुलकित
उलसित, हुलसित
कुहकित, कुंचित
पंत सुमित्रानंदन
नरम नरम-सी तुनक तरल-सी
समयोचित पद्यावलियों से
गाते हैं गुणगाथा
हिला-डुलाकर, कुंचित कंपित माथा !
उलसित, हुलसित
कुहकित, कुंचित
पंत सुमित्रानंदन
नरम नरम-सी तुनक तरल-सी
समयोचित पद्यावलियों से
गाते हैं गुणगाथा
हिला-डुलाकर, कुंचित कंपित माथा !
कवि - नागार्जुन
किताब - नागार्जुन रचनावली, खंड 1
संपादन-संयोजन - शोभाकांत
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2003
किताब - नागार्जुन रचनावली, खंड 1
संपादन-संयोजन - शोभाकांत
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2003
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