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रविवार, 9 सितंबर 2012

अधिनायक (Adhinayak by Raghuvir Sahay)



राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत-भाग्य-विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरिचरना गाता है l
मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चँवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है l
पूरब-पच्छिम से आते हैं
नंगे-बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा, उनके
तमग़े कौन लगाता है l
कौन-कौन है वह जन-गण-मन-
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज़ बजाता है l


कवि - रघुवीर सहाय
किताब - रघुवीर सहाय रचनावली, खंड - 1 में 'आत्महत्या के विरुद्ध' से 
संपादक - सुरेश शर्मा
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2000

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