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रविवार, 23 सितंबर 2012

चुम्बन (Chumban by Dinkar)



सब तुमने कह दिया, मगर, यह चुम्बन क्या है ?
"प्यार  तुम्हें  करता  हूँ  मैं," इसमें  जो  "मैं" है,
चुम्बन  उस  पर  मधुर, गुलाबी  अनुस्वार  है l
चुम्बन  है  वह गूढ़ भेद  मन  का, जिसको  मुख
श्रुतियों  से  बच कर  सीधे  मुख  से  कहता  है l


कवि - रामधारी सिंह दिनकर 
किताब - दिनकर रचनावली, खंड - 2 में 'नये सुभाषित', प्रथम संस्करण  से          
प्रकाशक - लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, 2011

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