मेरा प्यार एक नाव की तरह
तैरता
मौसम पर, पानी पर .
वह एक शिला है
समंदर की तलहटी पर.
वह है हवा पेड़ों के बीच.
मैं उसे पकड़ता हूँ
अपने हाथों
और उसे उठा नहीं सकता,
कुछ नहीं कर सकता उसके बिना. आह प्यार,
धरती पर किसी और चीज़ सा नहीं.
अमेरिकी कवि - रॉबर्ट क्रीली (21.3.1926 - 30. 3. 2005) संकलन - रॉबर्ट क्रीली : सेलेक्टेड पोएम्स 1947-1980 प्रकाशक - यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया प्रेस, बर्कले, 1996 अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद - अपूर्वानंद
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