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गुरुवार, 19 जून 2014

सुरंग (The Tunnel by Robert Creeley)

आज रात, कुछ भी बहुत लंबा नहीं -
समय नहीं।
अगर  कहीं आग होगी,
अभी जल उठेगी।  

अगर कहीं  स्वर्ग होता,
मैं कब  का चला गया होता। 
मुझे लगता है  कि प्रकाश 
ही अंतिम बिंब है। 

लेकिन समय दुबारा घटता है,
प्रेम -और एक गूँज। 
एक वक्त गुजार देता है 
प्रेम को अंधकार में। 


अमेरिकी कवि - रॉबर्ट क्रीली  (21.3.1926 - 30. 3. 2005)  
संकलन - रॉबर्ट क्रीली : सेलेक्टेड पोएम्स 1947-1980  
प्रकाशक - यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया प्रेस, बर्कले, 1996  
अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद - अपूर्वानंद
 

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