कोई किसी और से छिपता है
छिपता है अपनी जीभ के नीचे
और दूसरा खोजता है उसे ज़मीन के नीचे
वह अपने ललाट में छिपता है
वह दूसरा खोजता है उसे आसमान में
वह छिपता है अपनी विस्मृति में
वह दूसरा खोजता है उसे घास में
खोजता है उसे खोजता है
कोई जगह नहीं जहाँ वह उसे नहीं खोजता
और खोजते हुए ख़ुद को खो देता है
सर्बियाई कवि वास्को पोपा (29.6.22 - 5.6.91)
स्रोत : https://mypoeticside.com/poets/vasko-popa-poems
अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद : अपूर्वानंद
मैक्सिको के नामी कवि ऑक्टोवियो पाज़ ने पोपा के बारे में कहा था - कवियों के पास हुनर है कि वे दूसरों के लिए बोलते हैं, मगर पोपा की नायाब खासियत यह है कि वे दूसरों की सुनते हैं।
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