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मंगलवार, 21 जून 2022

मुल्का (Mulka by Dhoomil)

 मुल्का मियाँइन हैं 

उम्र साठ-बासठ के बीच है 

ए बचवा! ई सब कहकूत है। 

न हिन्नू मरै न मुसल्मान  

दंगा फसाद पेट भरले का गलचऊर है। 

- असल बात अउर है। 

जे सच पूछा तो परान 

ई गरीबन कै जात है। 

मुल्का क जिनगी एकर सबूत है। 

बीस बरिस बीत गयल मुल्का के। 

कुक्कुर एस गाँव-गाँव, घरे-घरे घूमते 

लेकिन कभी केहू एनसे ना पुछलेस - 

कि ए मुल्का बुजरो !

का तुहऊँ इंसान है ?


लोग राजा से रंक और रंक से राजा भयेल 

लेकिन मुल्का के दुनिया 

ई दौरी में दुकान है । 

                          - 1969 


संकलन : धूमिल समग्र, खंड 1  

संकलन-संपादन : डॉ. रत्नशंकर पाण्डेय 

प्रकाशन : राजकमल पेपरबैक्स, पहला संस्करण, 2021 

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