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रविवार, 7 अप्रैल 2013

मिट्टी (Mittee by Mathilisharan Gupt)


        मिट्टी, तेरा क्या मोल ?
पड़ी है सबके पैरों तले 
उगाये तूने जो अंकुर भले 
        उन पर क्या वारूँ, बोल !



कवि - मैथिलीशरण गुप्त 
संकलन - स्वस्ति और संकेत 
प्रकाशक - साकेत प्रकाशन, चिरगाँव, झाँसी, द्वितीय संस्करण - 1983




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