चार ईमानदार मिलकर
बेईमानी पर बहस कर रहे थे
उनमें से एक
बेमानी का सरकारी वक़ील नियुक्त किया गया
उसने बेमानी के पक्ष में
हर सम्भव दलील दी
लेकिन मुक़द्दमा बहुमत से हार गया l
दरअसल
चारों में से कोई भी
बेमानी के पक्ष में न था
चारों ने मिलकर
बेमानी को शुद्ध बहुमत से हरा दिया था
और चारों ईमानदार एकमत थे
कि बेमानी को हराने का
यही एक तरीक़ा है
कि उसे अल्पमत में ला दिया जाए l
कवि - कुँवर नारायण
संकलन - इन दिनों
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2002
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