वह शांत है, और मैं भी
वह नींबू वाली चाय पी रहा
है,
और मैं कॉफ़ी पी रहा हूँ,
यही फर्क है हम दोनों के
बीच.
उसने पहन रखी है, जैसे
मैंने, धारीदार बैगी शर्ट
और मैं पढ़ रहा हूँ, जैसे कि
वह, शाम का अखबार.
वह मुझे नज़र चुरा कर देखते नहीं देखता
मैं उसे नज़र चुरा कर देखते
नहीं देखता,
वह शांत है, और मैं भी.
वह वेटर से कुछ माँगता है,
मैं वेटर से कुछ माँगता
हूँ...
एक काली बिल्ली हमारे बीच
से गुजरती है,
मैं उसके रोयें सहलाता हूँ
और वह उसके रोयें सहलाता
है....
मैं उसे नहीं कहता : आज
आसमान साफ़ था
और अधिक नीला
वह मुझसे नहीं कहता : आसमान
आज साफ़ था.
वह दृश्य है और द्रष्टा
मैं दृश्य हूँ और द्रष्टा
मैं अपना बायाँ पैर हिलाता
हूँ
वह अपना दायाँ पैर हिलाता
है
मैं एक गीत की धुन
गुनगुनाता हूँ
वह उसी धुन का कोई गीत
गुनगुनाता है.
मैं सोचता हूँ : क्या वह
आईना है जिसमें मैं खुद को देखता हूँ?
तब मैं उसकी आँखों की ओर
देखता हूँ,
लेकिन मैं उसे नहीं
देखता...
मैं कैफे से निकल आता हूँ
तेजी से .
मैं सोचता हूँ, हो न हो वह
एक ह्त्यारा है, या शायद
वह एक
राहगीर है जो सोचता हो कि मैं
हत्यारा हूँ
वह डरा हुआ है, और मैं भी !
फ़िलीस्तीनी कवि - महमूद दरवेश
संकलन - द बटरफ्लाई'ज़ बर्डन
अरबी से अंग्रेज़ी अनुवाद - फैडी जूडा
प्रकाशक - कॉपर कैनियन प्रेस, वाशिंगटन, 2007
अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद - अपूर्वानंद
बहुत अच्छा अनुवाद लगा- वह नींबू वाली चाय पी रहा है,
जवाब देंहटाएंऔर मैं कॉफ़ी पी रहा हूँ,
यही फर्क है हम दोनों के बीच.
बहुत ही शानदार कविता का शानदार अनुवाद. मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंसमझ पाने की असमर्थता से पता चला मेरा काव्य बोध कितना दुर्बल है। खैर संदर्भ बोध को प्रभावित करता है और इसकी अनभिज्ञता एक वजह हो सकती है।
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