छूटी मेरी रेल l
रे बाबू, छूटी मेरी रेल l
हट जाओ, हट जाओ भैया !
मैं न जानूं फिर कुछ भैया !
टकरा जाये रेल l
धक्-धक् धक्-धक्, धू-धू, धू-धू !
भक्-भक्, भक्-भक्, भू-भू, भू-भू !
छक्-छक् छक्-छक्, छू-छू, छू-छू !
करती आई रेल l
एंजिन इसका भारी-भरकम l
बढ़ता जाता गमगम गमगम l
धमधम धमधम, धमधम धमधम l
करता ठेलम ठेल l
सुनो गार्ड ने दे दी सीटी l
टिकट देखता फिरता टीटी l
सटी हुई वीटी से वीटी l
करती पेलम पेल l
छूटी मेरी रेल l
कवि - सुधीर
संकलन - महके सारी गली गली (बाल कविताएँ)
संपादक - निरंकार देव सेवक, कृष्ण कुमार
प्रकाशक - नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, 1996
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