माघ : कोहरे में अंगार की सुलगन
अलाव के ताव के घेरे के पार
सियार की आँखों की जलन
सन्नाटे में जब-तब चिनगी की चटकन
सब मुझे याद है ! मैं थकता हूँ
पर चुकती नहीं मेरे भीतर की भटकन !
कवि - अज्ञेय
संकलन - चुनी हुई कविताएं
प्रकाशक - राजपाल एंड सन्ज, दिल्ली, 1987
कवि - अज्ञेय
संकलन - चुनी हुई कविताएं
प्रकाशक - राजपाल एंड सन्ज, दिल्ली, 1987
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