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बुधवार, 6 मार्च 2013

बात बोलेगी (Baat bolegi by Shamsherbahadur Singh)


बात बोलेगी 
हम नहीं 
भेद खोलेगी 
बात ही l 

सत्य का मुख 
       झूठ की आँखें 
       क्या  - देखें !
सत्य का रुख 
       समय का रुख है :
अभय जनता को 
       सत्य ही सुख है,
सत्य ही सुख l 

       दैन्य दानव ; काल 
       भीषण ; क्रूर 
       स्थिति ; कंगाल 
       बुद्धि ; घर मज़दूर l 

सत्य का 
        क्या रंग ?
पूछो 
       एक संग l 
एक - जनता का 
        दुःख एक l 
हवा में उड़ती पताकाएँ 
                     अनेक l 

दैन्य दानव l क्रूर स्थिति l 
कंगाल बुद्धि l मजूर घर भर l 
एक जनता का अमर वर l 
एकता का स्वर l 
- अन्यथा स्वातन्त्र्य इति l 


कवि - शमशेरबहादुर सिंह 
संकलन - दूसरा सप्तक
संपादक - अज्ञेय 
प्रकाशक - भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, पहला संस्करण - 1949

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