तुम्हारी आस्तीन पर
अन्तिम पीली तितली आ बैठी थी
खिल्ली उड़ाते सूर्य की ताक़त से
जागरित हो गयी थी भूल से
जब उसने ध्यान दिया कि कितना बेमानी था होश में आना
झट से उड़ी वह तुम्हारे हाथ से,
और अपनी उड़ान को उसने गिरते हुए पत्तों में बुन दिया l
स्वीडी कवि - हैरी मार्टिन्सन (1904-!978)
स्वीडी से हिन्दी अनुवाद - लार्श एण्डर्सन की मदद से तेजी ग्रोवर
संकलन - बर्फ़ की खुशबू : स्वीडी कविताएँ
संपादक - तेजी ग्रोवर, लार्श एण्डर्सन
प्रकाशक - वाणी प्रकाशन, दिली, 2001
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