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मंगलवार, 14 अगस्त 2012

बचपन के दोस्त जयदेव गुप्ता के नाम पत्र (Bhagat Singh's letter to Jaydev Gupta, a Childhood friend)



सेण्ट्रल जेल, लाहौर
3 जून, 1930
मेरे प्रिय श्री जयदेव,
               कृपा करके मेरा हार्दिक धन्यवाद स्वीकार कीजिए, कपड़े के उन जूतों और सफ़ेद पालिश की शीशी के लिए जो आपने भेजे हैं. आपके शब्दों में (जैसा कि श्री कुलबीर ने कहा) मैं आपको कुछ अन्य चीजें लाने को यह पत्र लिख रहा हूं. मुझे विश्वास है कि आप इसे महसूस नहीं करेंगे. कृपया देख लें कि क्या आप श्री बी.के. दत्त के लिए कपड़े का एक और जूता भेजने की व्यवस्था कर सकते हैं (साइज नं. सात), लेकिन दुकानदार से वापसी की शर्त पर लेना, शायद इनके पैर में फिट न आए. यह बात मैंने अपने लिए लिखते समय ही लिखी होती, पर श्री दत्त उस दिन सरल भाव (ईजी मूड) में नहीं थे. लेकिन मेरे लिए इसे अकेले पहनना मुश्किल है. इसलिए मैं आशा करता हूं कि अगली मुलाक़ात के समय एक और जूता यहां होगा. 
               साथ ही कृपया एक ट्वैल शर्ट (कमीज) जिसका साइज छाती 34 और कमर 29 हो, भेज दें. उस पर शेक्सपीरियन कालर हो और आधी आस्तीन हो. यह भी श्री दत्त के लिए चाहिए. क्या आप सोचेंगे कि हम जेल में भी अपने रहन-सहन के खर्चीले ढंग पर रोक नहीं लगा सके ? अंततः यह आवश्यकताएं हैं, विलासिताएं नहीं. नहाने और व्यायाम करने के लिए किसी मुलायम कपड़े के दो लंगोट भी भेज दें और कपड़े धोने के साबुन की कुछ टिकियाएं भी. साथ ही कुछ बादाम और स्वान इंक की एक शीशी भी.
              सरदार जी (पिता जी) के बारे में क्या खबर है ? क्या वे लुधियाना से वापस आ गए हैं ? इन दिनों में कचहरी बन्द रहेगी और मुकदमा आगे नहीं बढ़ा. यदि वे नहीं आए तो उन्हें लाने के लिए किसी को भेज दें. जो हो, उनके और मेरे मुकदमे का अन्त करीब ही है. कह नहीं सकता कि हमें एक-दूसरे को मिलने का और अवसर मिलेगा या नहीं, इसलिए उन्हें तुरंत बुला लें, ताकि वे इस सप्ताह में मुझसे दो बार मिल सकें. यदि वे जल्दी ही नहीं आ पा रहे हैं तो कृपा कर कुलबीर और बहन जी को मुझसे मुलाकात के लिए कल या परसों भेज दें. मेरे मित्रों को मेरी याद दिलाना. क्या आप फारसी का एक कायदा उर्दू अनुवाद सहित भेजने की व्यवस्था कर सकेंगे ? चार आने की सूची भी भेज दें.
तुम्हारा भगतसिंह 


लेखक - भगतसिंह 
किताब - भगतसिंह के सम्पूर्ण दस्तावेज 
संपादक - चमनलाल 
प्रकाशक - आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा, 2004

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