भूल सकता मैं नहीं
ये कुच-खुले दिन,
ओंठ से चूमे गए,
उजले, धूले दिन -
जो तुम्हारे साथ बीते
रस-भरे दिन,
बावरे दिन,
दीप की लौ-से
गरम दिन l
कवि - केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000)
संकलन - पदचिह्न
संपादक - नंदकिशोर नवल, संजय शांडिल्य
प्रकाशक - दानिश बुक्स, दिल्ली, 2006
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