गेंद का पड़ोस -
उछाल आकाश की तरफ
किसी भी दिशा में
जा सकने के कारण
सभी दिशाएँ गेंद के पड़ोस में
धरती पड़ोस
और गेंद का घर
हमारा घर l
कितनी गेंदें पड़ोस में खो चुकी थीं
गेंद ढूँढ़ने हम
किसी के भी घर घुस जाते
घरों में जाना और खो जाना
हमने गेंद से सीखा l
कवि - विनोद कुमार शुक्ल
संकलन - कभी के बाद अभी
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2012
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