हरी घास पर खरगोश
खरगोश की आँख में नींद
नींद में स्वप्न
चाँद का
चाँद में क्या ?
चाँद में चरखा
चरखे में पोनी
पोनी में कतती
चाँदनी
चाँदनी में क्या ?
चाँदनी में पेड़
पेड़ पर चिड़िया
चिड़िया की चोंच में
सन्देसा ऋतु का
ऋतु में क्या ?
ऋतु में फूल
फूल पर तितलियाँ
हरी पीली लाल बैंजनी
रंग-बिरंगी तितलियाँ
तितलियाँ
जैसे स्वप्न पंखदार
जैसे बहुरंगी आग के टुकड़े
उड़ते हुए
तितलियाँ आती हैं घरों में
बिना आवाज, बेखटके
जवान होती लडकी के बदन पर
बैठती हैं उड़ जाती हैं
कि 'छू लिया'
प्रेम होगा अब तुझे किसी से
तितलियाँ ही तितलियाँ
तितलियों पर आँखें
लड़की की
लड़की की आँखों में क्या ?
तितलियाँ !!
कवि - राजेश जोशी
संग्रह - धूप घड़ी
प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, 2002
Badhiya hai!
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