जब जंगी जहाज ओझल हो जाते हैं, फाख्ता उड़ती हैं
उजली , उजली .आसमान के गालों को पोंछते हुए
अपने आज़ाद डैनों से, वापस हासिल करते हुए वैभव और प्रभुसत्ता
वायु और क्रीड़ा की. ऊंचे और ऊंचे
फाख्ता उड़ती हैं , उजली , उजली . काश, कि आसमान
असली होता (एक आदमी ने गुजरते हुए दो बमों के बीच से मुझे कहा)
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(एक हत्यारे से:) अगर तुमने शिकार के चेहरे पर ध्यान दिया होता
और सोचा होता , तुम याद कर पाते गैस चैंबर में अपनी मां को ,
तुम खुद को आज़ाद कर पाते राइफल के विवेक से
और बदल देते अपना विचार : यह वह तरीका नहीं
जिससे पहचान वापस हासिल की जाती है!
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हमारे नुकसानात : दो शहीदों से आठ
हर रोज़,
और दस ज़ख़्मी
और बीस घर
और पचास जैतून के दरख़्त ,
अलावा उस संरचनात्मक आघात के
जो होगा कविता को , नाटक और अधबनी पेंटिंग को
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एक औरत ने एक बादल से कहा: मेरे प्यारे को ढांप लो
क्योंकि मेरे कपड़े तर हैं उसके खून से !
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अगर तुम एक बारिश नहीं मेरे प्यारे
एक पेड़ हो जाओ
उर्वरता से तर.. पेड़ हो जाओ एक
और अगर तुम पेड़ नहीं हो मेरे प्यारे
एक शिला बन जाओ
नमी से तर..शिला बन जाओ एक
और अगर तुम शिला नहीं हो मेरे प्यारे
एक चाँद बन जाओ
आशिक की नींद में..चाँद बन जाओ एक
(यह है वह जो एक औरत ने कहा
अपने बेटे को उसके दफ़न पर)
फिलिस्तीनी कवि - महमूद दरवेश
संग्रह - द बटरफ्लाई'ज़ बर्डन
अरबी से अंग्रेज़ी अनुवाद - फैडी जूडा
प्रकाशक - कॉपर कैन्यौन प्रेस, वाशिंगटन, 2007
अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद - अपूर्वानंद
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