हमने घास को सहारे का हाथ दिया -
और वह मकई बन गई,
हमने आग को सहारे का हाथ दिया -
और वह रॉकेट बन गई.
झिझकते हुए,
बचा-बचाकर,
हम सहारा देते हैं
लोगों को,
कुछ लोगों को...
चेक कवि - मिरोस्लाव होलुब, 1961
संग्रह - पोएम्स : बिफोर एंड आफ्टर
चेक से अंग्रेज़ी अनुवाद - जॉर्ज थाइनर
प्रकाशक - ब्लडैक्स बुक्स, ग्रेट ब्रिटेन, 1990
अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद - अपूर्वानंद
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